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Sonagiri Temple

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हमारी धर्मशालाएं

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श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन धर्मशाला,ग्वालियर

ग्वालियर शहर के मध्य स्थित श्री दिगंबर जैन स्वर्ण मन्दिर, के साथ ही पार्श्वनाथ धर्मशाला है | चूँकि इसका निर्माण अभी पुराना ही है इसमें 4 कमरे नान अटेच हैं और एक कमरा अटेच है साथ ही एक हौल है, यहाँ यात्री रात्री विश्राम कर सकते हैं | अपने आने की पूर्व सूचना देकर जैन व्यापारी बंधु, जैन यात्री, जैन छात्र छात्राएं ग्वालियर आकर अपना कार्य अथवा अपनी प्रतियोगी/अन्य परीक्षा देने के लिए, बहुत कम सहयोग राशि देकर ठहर सकते हैं | आगामी समय में यहाँ संत निवास एवं आधुनिक यात्री निवास का निर्माण होना प्रस्तावित है | धर्मंशाला के समीप ही शुद्ध भोजन की व्यवस्था हो जाती है |

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तेरापंथी धर्मशाला,सोनागिरी

सोनागिरी धर्मशाला इसके अच्छी तरह से सुसज्जित Ac कमरे, Ac Delux कमरे एवं Delux कमरे के लिए जाना जाता है| यह ग्वालियर से लगभग 60 किलोमीटर है| सोनागिरी रेलवे स्टेशन से यह 3किमी दूर है| इस धर्मशाला मे एक भोजनालय भी चलता है जो स्वादिष्ट भारतीय भोजन, एक उचित मूल्य पर प्रदान करता है| यह हमारा सौभाग्य होगा की आप हमारी धर्मशाला मे पधारे| सोनागिरी धर्मशाला अपने सोनागिरी मंदिर के लिए प्रसिध्य है क्योंकि यह पवित्र जगह श्रद्धालुओं व तपस्वी संतों के बीच लोकप्रिय है सोनागिरी पर्यटन आकर्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है.

AC ROOM

सहयोग राशी 800/-

NON AC ROOM

सहयोग राशी 400/-

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"दान करने की प्रक्रिया"

आप बैंक द्वारा भी दान कर सकते हैं

आप ऑनलाइन दान देने के लिए नीचे 'Donate now' के button पर क्लिक करे| आप भारतीय रुपए में भी चेक भेज सकते हो या "जैन स्वर्ण मंदिर ट्रस्ट" के पक्ष में अपनी मुद्रा में चेक निम्न पते पर भारत में जैन स्वर्ण मंदिर में निर्दिष्ट सेवा पूजा के लिए अपने दान के रूप में, भक्ति, भोग या गतिविधियों को जैन स्वर्ण मंदिर में अपनी ओर से हित और मंदिर ट्रस्ट के लाभ के लिए दान कर सकते हैं|

कृपया दान देने के लिए निम्नलिखित खाते में रकम या चेक जमा करें

Quotes About Jainism

आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड , लालच, आसक्ति और घृणा।

भगवान् महावीर

हम केवल कर्मवादी, पुरूषार्थवादी या भाग्यवादी न हो जाएँ, अपितु इन तीनो को व्यवस्थित रूप से समझें और अपने जीवन को पुरूषार्थ के द्वारा अच्छा बनायें |

परम पूज्य मुनि श्री क्षमा सागर जी महाराज

भूत से प्रेरणा लेकर वर्तमान में भविष्य का चिंतन करना चाहिए

परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

अच्छे लोग दूसरों के लिए जीते हैं जबकि दुष्ट लोग दूसरों पर जीते हैं |

परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

नम्रता से देवता भी मनुष्य के वश में हो जाते हैं |

परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज

जो हमें समीप लाये, क्षण भर भी दूरी का अहसास न होने दे, अलग और अकेला न होने दे, दुनिया कर हर दु:ख दर्द सहने का साहस दे, कभी रूलाय कभी हंसाये और रूठने मनाने का अधिकार दे - समझना वह आत्मीयता है और सच्ची है

परम पूज्य मुनि श्री क्षमा सागर जी महाराज

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